एक ताइवान अभ्यासी ने बताया कि कैसे एक भयानक सड़क दुर्घटना में मास्टरजी की दिव्य अनुग्रह से वे सुरक्षित रहीं और इस अनुभव से उन्होंने स्वनिरीक्षण कर अपनी साधना और ज़िम्मेदारी की समझ को गहराया।
                
            
            
            
                स्वयं को अच्छी तरह विकसित करके और आसक्तियों को त्यागकर ही अभ्यासी दाफा परियोजनाओं में बेहतर सहयोग कर सकते हैं और ज्यादा सचेत जीवों को बचा सकते हैं।
20 जुलाई 1999 को न्यूयॉर्क छोड़ने के बाद मास्टर ली पहाड़ों के बीच से शांतिपूर्वक दुनिया को देख रहे हैं। (प्रकाशित 19 जनवरी 2000)
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20 जुलाई 1999 को न्यूयॉर्क छोड़ने के बाद मास्टर ली पहाड़ों के बीच से शांतिपूर्वक दुनिया को देख रहे हैं। (प्रकाशित 19 जनवरी 2000)