Image for article स्वस्तिक पर पुनर्विचार (फोटो और वीडियो)

स्वस्तिक सौभाग्य का एक प्राचीन प्रतीक है जिसे सदियों से दुनिया भर में अपनाया जाता रहा है। स्वास्तिक लंबे समय से दुनिया भर में फैली कई संस्कृतियों में एक शक्तिशाली और सकारात्मक प्रतीक रहा है।

Image for article साधना और कार्य के बीच संतुलन खोजना

कई सालों से दाफ़ा प्रोजेक्ट का हिस्सा होने के कारण, मैंने अक्सर साधकों को आपस में टकराव करते हुए देखा है। हाल ही में हुए एक टकराव से मुझे कुछ नई समझ मिली। 

Image for article नोटिस (ताइवान)

हमें उम्मीद है कि दुनिया भर के वास्तविक अभ्यासी ध्यान देंगे और लोग स्वयं साधना नहीं करते हैं, उनके द्वारा बनाई गई वस्तुएं लोगों को नहीं बचा सकती हैं; यह दाफा और दाफा का सत्य ही है जो वास्तव में लोगों को बचाता है।

Image for article मास्टरजी के आशीर्वाद से मैं आज तक जीवित हूं

मेरी उम्र 76 साल है और 1998 में मुझे श्वासनली की सूजन, गठिया और फेफड़ों की बीमारी थी। अभ्यास शुरू करने के एक महीने मैं स्वस्थ हो गयी , मेरा स्वभाव सुधर गया और मेरा परिवार सामंजस्यपूर्ण हो गया।

Image for article करुणा की शक्ति

2014 में मुझे साढ़े तीन साल की सज़ा सुनाई गई और मुझे लिओनिंग प्रांत की महिला जेल में डाल दिया गया। पहले मुझे गहन सुधार वार्ड में रखा गया, जो फालुन दाफा अभ्यासियों के उत्पीड़न के लिए बनाया गया था।

Image for article एक कहानी: विज्ञान जिसे समझाने में असमर्थ है

 हम कभी-कभी ऐसे लोगों से मिलते हैं जो देवता में अपना विश्वास खो चुके हैं और अब विज्ञान में अपना विश्वास रखते हैं। हालाँकि, देवताओ से जुड़ी कई कहानियाँ हैं जिन्हें विज्ञान नहीं समझा सकता है।

नवीनतम लेख

समाचार एवं घटनाएँ

  • - लिओनिंग प्रांत के फालुन दाफा अभ्यासियों की ओर से मास्टर ली होंगज़ी को आदरपूर्वक नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं (20 शुभकामनाएं)
  • - भारत, यूएई और ईरान के फ़ालुन दाफा अभ्यासी मास्टर ली होंगज़ी को आदरपूर्वक नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं
  • - जर्मनी और स्विटजरलैंड: अभ्यासियों ने पांच चीनी दूतावासों और महावाणिज्य दूतावासों को पत्र लिखकर फालुन दाफा के उत्पीड़न को समाप्त करने का आह्वान किया
  • - अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा एक चीनी अमेरिकी पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का एजेंट बनकर फालुन गोंग अभ्यायियों की निगरानी करने का आरोप।
  • - वाशिंगटन के कार्नेशन में 4 जुलाई की परेड में फालुन दाफा का स्वागत किया गया