(Minghui.org) 10 साल तक अवैध रूप से कैद रहने के बाद हांग को जुलाई 2023 में रिहा कर दिया गया। जब उसे रिहा किया गया तब वह साठ साल की थी।

मैं हांग की बेटी के संपर्क में था, जिसने मुझे बताया कि उसे अंतिम चरण का बोन कैंसर है। अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया और डॉक्टरों ने उसे घर पर रहने का सुझाव दिया। उन्होंने उसे बताया कि उसे सर्जरी करवानी पड़ सकती है। आखिरकार उसकी बेटी ने डॉक्टरों से उसकी जान बचाने की गुहार लगाने के बाद एक अस्पताल ने उसे भर्ती करने पर सहमति जताई।

हांग को हथकड़ी और बेड़ियों में अस्पताल ले जाया गया और डॉक्टर ने पुलिस से उन्हें हटाने को कहा। उसने गुस्से में कहा, "उसकी सुरक्षा में इतने सारे पुलिसकर्मी क्यों हैं? क्या वह ऐसी हालत में भाग जाएगी?"

जब हांग की कीमोथेरेपी शुरू हुई, तो दिन में पांच पुलिसकर्मी उसकी निगरानी करते थे और रात में दो पुलिसकर्मी उसके साथ रहते थे। चौबीसों घंटे निगरानी के लिए कमरे में एक बड़ा निगरानी कैमरा लगाया गया था।

जब स्थानीय अभ्यासियों ने उसकी स्थिति के बारे में सुना, तो उन्होंने बुरे तत्वों को उसे सताने से रोकने के लिए सद्विचार भेजे।अन्यायपूर्ण कारावास के दौरान हांग को बहुत कष्ट सहना पड़ा। यह जानकर बहुत दुख हुआ कि 10 साल की कठिनाइयों के बाद उसे एक लाइलाज बीमारी हो गई।

मैंने रात भर चलने वाली बस पकड़ी और सुबह 5 बजे के करीब अस्पताल पहुंचा। हांग के परिवार के तीनो सदस्य मुझे देखकर चौंक गए और बोले, “अस्पताल में बहुत सख्ती है। आप बिना कलाई बैंड के अंदर कैसे आ गए?”

“किसी ने मुझे नहीं रोका,” मैंने जवाब दिया। "एक आदमी लंच बॉक्स लेकर जा रहा था, और मैं उसके पीछे-पीछे चल पड़ा। गार्ड ने मेरी तरफ देखा, लेकिन मुझे नहीं रोका।" मुझे पता था कि मास्टरजी मेरी मदद कर रहे हैं।

हमने नाश्ता किया और मैंने हांग के पति और बच्चे से कहा कि वे घर जाकर आराम करें। फिर मैंने एक छोटा सा उपकरण निकाला और मास्टरजी के व्याख्यान चलाए। हांग ने जब मास्टरजी की आवाज़ सुनी तो वह रो पड़ी। मास्टरजी को आखिरी बार सुने हुए 10 साल हो चुके थे! वह भावनाओं से अभिभूत थी और उसने कहा कि उसे हर दिन मास्टरजी और दाफा की याद आती है।

उसने पूरे दिन व्याख्यान सुने। मैंने उसे शाम को पाँच अभ्यास दिखाए, और वह उन्हें अभी भी याद रखे थी। मैंने उसे फ़ा -संशोधन की प्रगति के बारे में बताया और मास्टरजी के व्याख्यान " मानव जाति कैसे अस्तित्व में आई " और  " सचेत जीवोको क्यों बचाना चाहिए "  पढ़कर सुनाए।

मैंने विस्तार से बताया कि पुरानी ताकतों के उत्पीड़न को नकारने के लिए सद्विचार कैसे भेजे जाएँ। हमने 24 घंटे से ज़्यादा समय साथ बिताया और मुश्किल से सोए होंगे। जब उसका बच्चा वापस आया तो मैं वहाँ से चला गया। अभ्यासी उसके लिए सद्विचार भेजना जारी रखे हुए थे।

लगभग एक महीने बाद, हांग ने मुझे फोन किया और उत्साह से कहा कि वह ठीक हो गई है, हालांकि वह अभी भी कठिन काम नहीं कर सकती। मैं यह खबर सुनकर रोमांचित हो गया, और जानता था कि मास्टरजी ने उसे जीवन और मृत्यु की परीक्षा पास करने में मदद की है। मैंने उसे फा का अध्ययन करने और कैद में बिताए समय की भरपाई के लिए सद्विचार भेजने के लिए प्रोत्साहित किया।

हड्डी के कैंसर का पता चलने, अस्पतालों द्वारा इलाज से इनकार कर दिए जाने, तथा फिर सर्जरी की संभावना के बारे में जानने के बाद, मास्टरजी के व्याख्यानों को सुनने के एक महीने बाद हांग ठीक हो गयी।

स्थानीय अभ्यासी हमारे महान मास्टरजी को धन्यवाद देना चाहेंगे। हम मेहनती बनेंगे, दाफा को आत्मसात करेंगे, और मास्टरजी के साथ घर लौटेंगे!