(Minghui.org) 26 जुलाई 2025 को फ़ालुन दाफ़ा अभ्यसियों ने दो कार्यक्रम आयोजित किए — एक पेरिस में और दूसरा मुलहाउस में — ताकि लोगों को फ़ालुन गोंग और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) द्वारा पिछले 26 वर्षों से जारी दमन के बारे में बताया जा सके। सामूहिक अभ्यास, पोस्टरों और हस्ताक्षर अभियानों के माध्यम से अभ्यसियों ने लोगों से चीन में हो रहे अत्याचारों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले दमन को समाप्त करने में सहयोग की अपील की।

अभ्यसियों ने पेरिस के हृदयस्थल प्लेस डू चैटलेट में गतिविधियां आयोजित कीं।

"हमें इस अपराध को रोकना ही होगा"

गीना एस्टेव्स एक नर्स हैं और उन्होंने कहा कि जब उन्होंने सुना कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी फ़ालुन गोंग के अभ्यासियों को उनके विश्वास और सत्य, करुणा और सहनशीलता जैसे सिद्धांतों का पालन करने के लिए प्रताड़ित करती है, और यहाँ तक कि उनके अंगों के लिए उन्हें मार डालती है, तो वह स्तब्ध रह गईं। उन्होंने कहा, "हमें इस अपराध को रोकना ही होगा क्योंकि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है!"

चीन के बारे में कुछ इतिहास की किताबें पढ़ने के बाद, एस्टेवेस ने कहा कि वह उसकी समृद्ध संस्कृति और मूल्यों से आकर्षित हुईं। उन्होंने कहा कि चीनी लोगों ने बहुत कष्ट सहे हैं, और सीसीपी द्वारा यह दमन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम सभी मानव हैं और हमें अपने जीवन और अंगों की रक्षा करने की स्वतंत्रता है।"

एस्टेवेस ने कहा कि उन्हें पारंपरिक चीनी संस्कृति में कई तरह से रुचि है, परिवार की भूमिका से लेकर खान-पान, स्वास्थ्य और ध्यान तक। उन्होंने आगे कहा, "मुझे इस संस्कृति का आध्यात्मिक पक्ष भी पसंद है।"

"इन बर्बर कृत्यों को उजागर करना बहुत आवश्यक है"

जीन सामाती, जो एक अंग्रेज़ी शिक्षक हैं, ने कहा कि यह पहली बार है जब उन्होंने सुना कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी लाभ के लिए फ़ालुन गोंग अभ्यासी लोगों को मारकर उनके अंग निकालती है।

“चीन में जो कुछ हो रहा है वह भयावह है। आपकी कोशिशों के कारण फ्रांस और यूरोप के लोग इस मुद्दे पर अधिक ध्यान दे सकते हैं। इसलिए इन त्रासदियों को उजागर करना बहुत ज़रूरी है। हमें इन बर्बर कृत्यों के बारे में लगातार बताने के लिए धन्यवाद।”

सामाती ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम लोगों को यह जानने में मदद करते हैं कि चीन में क्या हो रहा है, ताकि वे भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का विरोध करने के प्रयासों में शामिल हो सकें। “चीन की आध्यात्मिक साधनाओं की एक लंबी परंपरा रही है, जैसे कि बौद्ध धर्म। यह कल्पना करना भी कठिन है कि किसी व्यक्ति को उसकी आस्था के लिए जेल में डाल दिया जाए। यह सुनकर मुझे बहुत झटका लगा। कृपया अपने प्रयास जारी रखें, क्योंकि जो आप कर रहे हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है।”

स्वतंत्रता और शांति

मकलूफ अलूई एक अकाउंटेंट हैं, और जब उन्होंने सुना कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने 26 वर्षों से फ़ालुन गोंग का दमन किया है, तो वह हैरान रह गए। उन्होंने कहा, “मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि इन वर्षों में इन लोगों ने कितनी पीड़ा सही होगी। स्थिति बहुत भयानक है।”

अभ्यासियों को व्यायाम करते देखने के बाद अलूई ने कहा कि उन्हें यह अभ्यास बहुत पसंद आया। उन्होंने कहा, “अभ्यासियों को अभ्यास करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।”

वलो, जो एक पर्यटक हैं, ने कहा कि इस प्रकार का दमन नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा, “लोगों को उनकी स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया है और उन्हें शारीरिक यातना तथा मानसिक उत्पीड़न सहना पड़ा है। यह बहुत भयानक है।”

लुडोविक कोक्विन, जो सरकार के लिए एक सुरक्षा गार्ड हैं, ने बताया कि एक बार उन्होंने पार्क दे ब्यूट्स शोमों में टहलते समय फ़ालुन गोंग अभ्यासी देखे थे। उन्होंने कहा, “वह दृश्य बहुत शांतिपूर्ण था, और अभ्यासी भी शांतचित्त थे। पेरिस में ऐसा दृश्य देखना मुश्किल है क्योंकि यहां हमेशा बहुत तनाव रहता है। मुझे दमन के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन मैं इतना ज़रूर जानता हूं कि यह गलत है।”

मुलहाउस में सूचना दिवस

अभ्यासियों ने 26 जुलाई 2025 को मुलहाउस में एक कार्यक्रम आयोजित किया।

26 जुलाई को मुलहाउस शहर में — जो स्विट्ज़रलैंड और जर्मनी के पास स्थित है — आयोजित एक जानकारी साझा करने वाले कार्यक्रम के दौरान, कई लोगों ने फ़ालुन गोंग के बारे में जानकारी ली और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के दमन को समाप्त करने की अपील करने वाली याचिकाओं पर हस्ताक्षर किए।

जब अभ्यासी अभी तंबू लगा ही रहे थे, तभी दो चीनी लोग वहाँ आए और बोले, “फ़ालुन दाफा अच्छा है!” इसके बाद वे कुछ देर अभ्यसियों से बात करते रहे।

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि हाल ही में वह यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) गया था और वहाँ फ़ालुन गोंग अभ्यासी देखे थे। उसने इस अभ्यास के बारे में और जानने की इच्छा जताई और कहा कि वह बाद में समूहिक अभ्यास में भाग लेने की योजना बना रहा है।

एक युवती जब पोस्टर पढ़ रही थी, तो उसकी आँखों में आँसू आ गए। वह यह जानकर दुखी थी कि अभ्यसियों को इतना दमन सहना पड़ा। उसने याचिका पर हस्ताक्षर किए और कहा कि वह इस अभ्यास को सीखने में रुचि रखती है।