(Minghui.org) फालुन दाफा अभ्यासी 20 जुलाई, 2025 को भारत के कई शहरों में एकत्रित हुए, और उन अभ्यासियों के प्रति शोक व्यक्त किया, जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) द्वारा उनके विश्वास पर 26 वर्षों से किए जा रहे दमन के दौरान मारे गए। अभ्यासियों ने इस दमन को समाप्त करने का अपील की।
उन्होंने बैनर प्रदर्शित किए, फालुन दाफा अभ्यास किया, पर्चे बांटे, हस्ताक्षर एकत्र किए और मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना सभाएँ कीं। शांतिपूर्ण दृश्यों ने राहगीरों को आकर्षित किया, जो अभ्यासियों से बात करने या पर्चे पढ़ने के लिए रुके। कई लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किये जा रहे मानवाधिकारों के हनन को रोकने का आवाहन किया गया था।
मुंबई में मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना सभा
20 जुलाई, 2025 को मुंबई के बांद्रा में स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय कार्टर रोड पर अभ्यासियों ने मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। अभ्यासियों ने चीन में जारी दमन के विरोध में बैनर और साइनबोर्ड प्रदर्शित किए। उन्होंने फालुन दाफा अभ्यासों का भी प्रदर्शन किया। सूर्यास्त के समय, उन्होंने चीन में उन अभ्यासियों की स्मृति में मोमबत्तियाँ जलाईं, जिन्होंने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के दमन के कारण अपनी जान गंवाई।
भारी बारिश और उमस भरे मौसम के बावजूद, इस गंभीर मोमबत्ती जुलूस ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया। लोगों ने चीन में फालुन दाफा अभ्यासियों के इस तरह के उत्पीड़न के बावजूद अपने विश्वास का पालन करने के साहस की प्रशंसा की। उन्होंने दमन के विरोध में फालुन दाफा अभ्यासियों के प्रयासों का समर्थन भी किया।
उसी शाम बांद्रा में मुंबई मैराथन आयोजित की गई, और मैराथन धावक गुजरते समय अभ्यासियों की गतिविधियों को देख पाए तथा चीन में फालुन गोंग अभ्यासियों पर चल रहे उत्पीड़न के बारे में बैनर भी पढ़ पाए।
फालुन दाफा अभ्यासियों ने चीन में फालुन दाफा के 26 साल लंबे दमन के विरोध में मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
साइनबोर्ड पर लिखा है: “फ़ालुन गोंग का दमन बंद करो।”
सीसीपी द्वारा जबरन अंग निकालने के विरोध में एक साइनबोर्ड।
एक स्थानीय ब्लॉगर ने यह जानकारी पढ़ी और फालुन दाफा और उस पर हो रहे दमन के बारे में पूछताछ की। वह इतना प्रभावित हुआ कि उसने तुरंत अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखना शुरू कर दिया जिसमें फालुन दाफा अभ्यास और उस पर हो रहे दमन के बारे में अभ्यासियों द्वारा साझा की गई सभी जानकारियाँ शामिल थीं। एक अन्य राहगीर ने सूचनात्मक बैनरों की ओर देखते हुए प्रार्थना में अपने हाथ जोड़े।
एक माँ और बेटा यह देखकर हैरान थे कि कैसे युवा अभ्यासी आध्यात्मिक जीवनशैली अपना रहे थे। माँ ने कहा, "आप जो कर रहे हैं वह अद्भुत है! सत्य, करुणा और सहनशीलता के सिद्धांत अद्भुत हैं। हमें आशा है कि आप इस कार्यक्रम में सफल होंगे।"
एक व्यक्ति फालुन दाफा और चीन में दमन के बारे में सीखता है।
एक स्थानीय योग अभ्यासी ने फालुन दाफा सीखने में रुचि दिखाई। उसने अपनी माँ को भी फालुन दाफा के बारे में बताने के लिए तुरंत बुलाया।
फालुन दाफा अभ्यासी राहगीरों को पर्चे बांटते हैं।
बेंगलुरु में हस्ताक्षर संग्रह अभियान
चीन में फालुन दाफा के उत्पीड़न के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बेंगलुरु के अभ्यासी कोरमंगला के नेक्सस मॉल में एकत्रित हुए। उन्होंने फालुन दाफा अभ्यासों का प्रदर्शन किया, जनता से बात की और चीन में चल रहे मानवाधिकार उल्लंघनों का विरोध किया। कई राहगीरों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा जबरन अंग निकालने की चलन को रोकने के लिए उनकी याचिका पर हस्ताक्षर किए। मॉल प्रबंधक के सहयोग से, निर्धारित डेढ़ घंटे के कार्यक्रम को तीन घंटे से भी ज़्यादा समय तक बढ़ा दिया गया।
कोरमंगला के नेक्सस मॉल में अभ्यासी दमन के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं और हस्ताक्षर एकत्र करते हैं।
मॉल की मार्केटिंग मैनेजर, राम्या, फालुन दाफा पर सीसीपी के क्रूर दमन के बारे में सुनकर बेहद स्तब्ध थीं। बाद में उन्होंने अपने सहकर्मियों को फालुन गोंग और सीसीपी द्वारा जबरन अंग-तस्करी के बारे में बताया।
मॉल की मार्केटिंग मैनेजर राम्या (दाएं) अपने सहकर्मियों को फालुन दाफा के बारे में बता रही हैं।
राजशेखर, राकेश और गौतम इस आयोजन से बहुत प्रभावित हुए और कुछ देर के लिए अभ्यासियों के साथ ध्यान में शामिल हुए। उन्होंने सीसीपी के दमन पर कड़ी आपत्ति जताई और अभ्यासियों के प्रति हार्दिक समर्थन व्यक्त किया।
उत्पाद प्रबंधक निशांत ने जबरन अंग निकालने की चल रही घटनाओं की निंदा करते हुए कहा, "यह हर स्तर पर बेहद गलत है कि चीन में लोगों को इतना शांतिपूर्ण काम करने के बावजूद डर के साये में रहना पड़ रहा है।" उन्होंने कहा कि दुनिया को एक कदम उठाना होगा, जागरूकता बढ़ानी होगी और मानवाधिकारों पर हो रहे अत्याचारों को खत्म करने के लिए एकजुट होना होगा।
एक अन्य राहगीर ओमेरा ने फालुन दाफा का अभ्यास शुरू करने की गहरी इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “आस्थाएं और अभ्यास अत्यंत व्यक्तिगत होते हैं। किसी ऐसी चीज़ के लिए लोगों को प्रताड़ित करना, जो उन्हें स्वयं से जुड़ने में मदद करती है, निंदनीय है। इन पारंपरिक अभ्यासों में गहराई और अर्थ छिपा होता है, और ये व्यक्ति को उसकी साधना यात्रा में बहुत दूर तक ले जा सकते हैं।”
नागपुर शहर में कार्यक्रम
नागपुर में फालुन दाफा अभ्यासी 20 जुलाई, 2025 को संविधान चौक पर एकत्रित हुए। उन्होंने अभ्यासों का प्रदर्शन किया और लोगों को फालुन दाफा और चीन में सीसीपी के मानवाधिकार अत्याचारों के बारे में बताया।
नागपुर में फालुन दाफा अभ्यासी अभ्यास का प्रदर्शन करते हैं।
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