(Minghui.org) यिंगयिंग साढ़े चार साल की है। मैं उसकी कहानी तब से शुरू करना चाहूँगा जब वह छह महीने की थी। उस समय उसकी दादी उसकी देखभाल करने के लिए उसके घर आई थीं, क्योकि उसकी माँ गाड़ी चलाना सीखने में व्यस्त थी।

दादी के साथ फ़ा का अध्ययन

यिंगयिंग की दादी फालुन दाफा अभ्यासी हैं। जैसे ही वह यिंगयिंग के घर आईं, उन्होंने छह महीने की यिंगयिंग मास्टर के ऑडियो,"ग्वांगजू  में व्याख्यान" सुनने को दिए। जब वह कुछ समय तक फा सुनती रही, जब ऑडियोटेप में अभ्यासी ताली बजाते तो वह भी ताली बजाती। जब वह आठ महीने की थी, तो वह रेंगकर अपनी दादी के पास आ गई और उनसे कहा कि जब एक व्याख्यान समाप्त हो जाए तो मास्टरजी के व्याख्यान बजाना जारी रखें।

वह कभी-कभी अपनी दादी के साथ फालुन दाफा की मुख्य पुस्तक जुआन फालुन पढ़ती थी, हालाँकि उसे अभी तक चीन की भाषा के अक्षर नहीं पता थे। वह हमेशा जुआन फालुन और अन्य सत्य-स्पष्टीकरण पुस्तिकाओं को सीधा करके रखती थी। कभी-कभी उसकी दादी जानबूझकर उसे जुआन फालुन उल्टा करके देती थी, और वह हमेशा किताब को सीधा करके पढ़ती थी।

यिंगयिंग बोलने में धीमी थी। उसने जो पहला शब्द कहा वह था "मास्टर।" जब उसकी दादी ने मास्टर को प्रणाम किया तो वह भी उनके पीछे चली गई और बोली "धन्यवाद मास्टर!"

नाश्ते के बाद, उसकी दादी उसके साथ फ़ा का अध्ययन करती थीं, और वे कभी-कभी फ़ा के कुछ हिस्सों को याद कर लेती थीं। वह दाफ़ा पर लेख और हांग यिन की कई कविताएँ सुना सकती थी।

जब मास्टरजी का नया लेख " मानव जाति कैसे अस्तित्व में आई " प्रकाशित हुआ, तो उसकी दादी ने उसे कई बार पढ़ा। धीरे-धीरे वह कुछ पैराग्राफ़ पढ़ने लगी, और उसकी दादी ने भी उसे पढ़कर सुनाया। एक महीने बाद वह पूरा लेख पढ़ने लगी।

सत्य-स्पष्टीकरण सामग्री का मुद्रण 

जब यिंगयिंग दो वर्ष की हुई, तब वह अपनी दादी द्वारा छापे मुद्रित प्रत्येक प्रचार पत्रक को, चाहे वह सही क्रम में छपा हो या उलटे क्रम में, सही ढंग से लगाने में सक्षम हो गई थी।

जब उसकी दादी उसे उसके दादा के घर ले गई, तो वह उनसे कंप्यूटर में फ़ाइलों को कॉपी, पेस्ट, डिलीट और रीस्टोर करना सीखने की कोशिश कर रही थी। वह साढ़े तीन साल की उम्र में ही सरल सत्य-स्पष्टीकरण पुस्तिकाएँ मुद्रित सकती थी। वह यह भी जानती थी कि अलग-अलग प्रिंटिंग के लिए सेटिंग्स कैसे बदलनी हैं। जब प्रिंटर में कागज़ खत्म हो जाता था, कागज़ नहीं आता था या जाम हो जाता था, तो वह जानती थी कि समस्या को कैसे ठीक किया जाए।

महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण, वह सिर्फ़ एक महीने से ज़्यादा समय तक ही स्कूल जा पाई। लेकिन वह चीन की भाषा के बहुत सारे अक्षर जानती थी। जब वह दो साल से भी कम उम्र की थी, तब वह 100 तक गिनती कर सकती थी और अब वह मिंगहुई वीकली प्रकाशन के कुछ लेख भी पढ़ सकती है।

दादी के साथ संवेदनशील प्राणियों को बचाना।

जब यिंगयिंग डेढ़ साल की थी, तो वह अपनी दादी के साथ संवेदनशील जीवों को बचाने के लिए बाहर गई थी। उसने मिंगहुई वीकली को मोड़ने, उन्हें प्रचार पत्रक के अंदर रखने और छोटे बैग में डालने में मदद की।

वह अपनी दादी के साथ प्रचार पत्रक बांटने जाती थी। जब उनके पास बांटने के लिए पर्याप्त प्रचार पत्रक नहीं होते थे, तो वह कहती थी, "माफ कीजिए मास्टर। हम पर्याप्त प्रचार पत्रक नहीं लाए।" हर बार जब वे प्रचार पत्रक बांटना समाप्त कर देते, तो वह कहती, "मास्टर, आपकी करुणा और सुरक्षा के लिए धन्यवाद।"

उसकी दादी कभी-कभी उसे और उसके छोटे भाई को प्रचार पत्रक को बांटने के लिए ले जाती थीं। जब उसकी दादी को उसके छोटे भाई की देखभाल करती, तो वह खुद ही प्रचार पत्रक बांटती थी।

वह अक्सर “फालुन दाफा अच्छा है” और “सत्यता-करुणा-सहनशीलता अच्छा है” बोलती हैं, और अपने साथ खेलने वाले बच्चों को उनकी सुरक्षा के लिए इन दो शुभ वाक्यांशों को बोलने के लिए कहती हैं।

यिंगयिंग बचपन से ही फ़ा के प्रकाश में नहाती रही है। वह इस दुनिया में उतरने के अपने मिशन को पूरा कर रही है।