(Minghui.org) वर्तमान में 30 से अधिक फालुन गोंग अभ्यासियों को हेइलोंगजियांग प्रांत के किकिहार शहर के तैलाई काउंटी में तैलाई जेल में रखा गया है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। फालुन गोंग के उत्पीड़न के पिछले 25 वर्षों में, इस जेल के पहरेदारों ने वहां कैद अभ्यासियों को हर तरह से प्रताड़ित किया है क्योंकि उन्होंने अपने विश्वास को त्यागने से इनकार कर दिया था।

अभ्यासियों को शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़ने के लिए ताकि वे अपनी इच्छा के विरुद्ध अपना अभ्यास छोड़ दें, पहरेदारों ने उन पर गर्म  काली मिर्च छिड़क दी, उन्हें मृत्यु शैय्या पर जबरन लिटाकर रखा रखा गया , उन्हें नींद और दैनिक आवश्यकताओं से वंचित कर दिया, और उन्हें गहन श्रम में लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया।

वर्तमान में जेल में बंद अभ्यासियों पर अत्याचार

जुलाई 1999 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उत्पीड़न शुरू किए जाने के बाद से ही तैलाई जेल के अधिकारी फालुन गोंग अभ्यासियों को यातना देने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। जब कोई अभ्यासी यह दिखाता है कि वह अपने विश्वास को बनाए रखने के लिए दृढ़ है, तो गार्ड उसे यातना देने के लिए एक विशेष यूनिट में डाल देते हैं। उसे बाहरी लोगों से कोई संपर्क नहीं करने दिया जाता है और वह हर महीने दैनिक ज़रूरतों पर केवल 100 युआन (US$14) ही खर्च कर सकता है।

ज़्यादातर मामलों में गार्ड अभ्यासियों पर तरह-तरह की तीखी मिर्च के अर्क छिड़कने से शुरू करते हैं। सबसे खराब किस्म का अर्क बहुत ज़्यादा गाढ़ा होता है जिसमें अज्ञात दवाएँ होती हैं, जिससे पीड़ित को कई घंटों तक कमज़ोरी महसूस होती है। अगर अभ्यासी इसे पानी से धोने की कोशिश करता है तो जलन और बढ़ जाती है। नींद से वंचित करना अभ्यासियों पर इस्तेमाल की जाने वाली एक और आम यातना है।

जब पहरेदारों को लगता है कि किसी साधक को आसानी से अपना विश्वास छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सकता है, तो वे उसे वहाँ रहने के दौरान ही निशाना बनाते हैं और प्रताड़ित करते हैं। अगर उन्हें लगता है कि व्यक्ति दृढ़ है, तो वे उसका विश्वास जीतने और उसे फालुन गोंग की शिक्षाओं के बारे में भूलने के लिए पहले उसे झांसा देते हैं और उसका ब्रैनवॉश करते हैं। रिहा होने से कुछ महीने पहले, वे उसे लगातार प्रताड़ित करना शुरू कर देते हैं।

जेल में वर्तमान स्थिति

2017 में, न्याय ब्यूरो ने झिंजियांग स्वायत्त क्षेत्र के कैदियों को तैलाई जेल में स्थानांतरित करने की योजना बनाई, इसलिए उन्होंने वहां तीन अतिरिक्त इमारतें बनाईं। बाद में सार्वजनिक जांच के कारण योजना को रद्द कर दिया गया। लेकिन हेइलोंगजियांग प्रांत के नेहे जेल और वुडालियान्ची जेल के कैदियों को 2019 में तैलाई जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। वहाँ लगभग 3,000 कैदी हैं। झिंजियांग में असंतुष्टों से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित गार्डों को भी तैलाई जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। ये गार्ड कैदियों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करते हैं और उन्हें बासी खाना देते हैं। गार्ड हर वार्ड के सामने चौबीसों घंटे गश्त करते हैं।

                         चित्रण : जेल में कैदियों को बिना वेतन के लम्बे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

हर कैदी को दिन में काम करना पड़ता है, चाहे वे बूढ़े हों, कमर से नीचे लकवाग्रस्त हों या जिनका एक ही हाथ हो। ज़्यादातर काम सिलाई से जुड़े होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे काम भी होते हैं जो गंदे और थका देने वाले होते हैं। लगातार आने वाले आदेशों के कारण, कैदियों को कभी-कभी दो महीने तक एक बार भी छुट्टी नहीं मिलती।

यह देखा जाता है की शोषण करनेवाले कारखाने में अधिकतम काम हो । बीमार कैदियों को लगभग कभी भी अस्पताल जाने की अनुमति नहीं दी जाती है - जब तक कि उनके पास कोई कनेक्शन न हो या वे इसके लिए भुगतान न करें। केवल गंभीर लक्षण वाले लोगों को ही डॉक्टर के पास जाने की अनुमति है, जैसे कि मस्तिष्क रक्तस्राव या तीव्र हृदय विफलता। यदि किसी कैदी को कोई पुरानी बीमारी है, तो उसे लगभग कभी भी चिकित्सा सहायता लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि वह मर जाता है, तो अस्पताल के डॉक्टर दुर्व्यवहार को छिपाने के लिए जेल के साथ मिलकर कोई बहाना बनाते हैं। एक कैदी को मेडिकल पैरोल के लिए केवल तभी मंजूरी दी जाती है जब वह मृत्यु के कगार पर हो।

इसलिए, जब जेल में पुरुष फालुन गोंग अभ्यासकर्ताओं की सजा में छह महीने बाकी रहते हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि फालुन गोंग अभ्यासी मिलकर अधिक सदविचार भेजना शुरू करें ताकि इन अभ्यासकर्ताओं को इस अड्डे से आसानी से बाहर निकलने में मदद मिल सके।

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