(Minghui.org) यह कई साल पहले की बात है, जब मेरी पत्नी और मैंने अभ्यास शुरू ही किया था। मुझे याद है कि उस सर्दी की ठंड बहुत कड़ाकेदार थी। एक दिन हम फालुन दाफा के बारे में लोगों से बात करने निकले थे। वापस घर जाते समय हमने मछलियाँ बिक्री के लिए रखी हुई देखीं। वे हिल नहीं रही थीं। हमें लगा कि वे मर चुकी हैं, तो हम कुछ मछलियाँ खरीदकर घर ले आए।

हमारा घर गरम था, और मछलियाँ गर्म होने के बाद हिलने-डुलने लगीं। हमने ज्यादा सोच-विचार नहीं किया, बस उन्हें पकाया और खा लिया।

उस दोपहर हमारे सिर में तेज दर्द होने लगा, मेरा मतलब है, सचमुच बहुत तेज़ दर्द। दर्द इतना तीव्र था कि हम बिस्तर पर लोट-पोट हो रहे थे। पहले तो हमने सोचा कि शायद गैस से प्रभावित ज़हर की वजह से हुआ है, लेकिन ऐसा नहीं था। थोड़ी देर बाद मेरी पत्नी ने कहा कि शायद ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमने मछलियाँ मार दी थीं।

मास्टरजीने कहा,

“अभ्यासियों के लिए हमने यह सख्त शर्त रखी है कि वे किसी प्राणी की हत्या नहीं कर सकते।”

(व्याख्यान सात, जुआन फालुन )

जैसे ही हमें पता चला कि हमने हत्या के मामले में गलती की है, हमारे सिर का दर्द बंद हो गया और हमने मास्टरजी से क्षमा मांगी।

उस रात हमने अभ्यास स्थल पर अन्य अभ्यासियों को यह घटना बताई। सभी ने इसे अविश्वसनीय माना। हम सभी को यह बेहतर समझ मिली कि साधना कितनी गंभीर होती है।

एक दिन हमारे बेटे कुछ जिंदा मछलियाँ घर लाए। हमने उन्हें आज़ाद कर दिया।