(Minghui.org) अभ्यासियों ने 2 अगस्त, 2025 को फ़्रेमोंट कला महोत्सव में भाग लिया, जहाँ उन्होंने फालुन दाफ़ा का परिचय दिया। मिसिसिपी के पश्चिम में सबसे बड़े मुफ़्त स्ट्रीट फेस्टिवल के रूप में जाना जाने वाला यह लोकप्रिय आयोजन आमतौर पर हर साल 1,50,000 से ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित करता है, और कई लोग अभ्यासियों के बूथ पर रुकते हैं।

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https://en.minghui.org/u/article_images/77f2d7d04b1aea312321c8c4330bb2fd.jpgअभ्यासियों ने 2 अगस्त को फ़्रेमोंट कला महोत्सव में भाग लिया।

कई लोगों ने अभ्यासियों से बात की और कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि लोग ये अभ्यास निःशुल्क सीख सकते हैं, और कुछ ने एक कार्यशाला के लिए नामांकन भी कराया। इनमें भारत की स्वर्णा भी शामिल थीं। उन्होंने बताया कि वे तनाव से मुक्ति पाने का कोई तरीका खोज रही थीं, और फालुन दाफा बूथ के पास अभ्यासियों को शांतिपूर्वक अभ्यास करते देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने कहा कि सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांत विशेष रूप से मूल्यवान हैं।

चीन में आस्था की स्वतंत्रता नहीं

सैन फ़्रांसिस्को में रहने वाले श्री झू ने बताया कि कई साल पहले उन्होंने सुना था कि कैसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) फ़ालुन दाफ़ा पर दमन कर रही है। उन्हें पता था कि अभ्यासी अच्छे लोग होते हैं और उन्होंने कहा कि वे इस अभ्यास का बहुत समर्थन करते हैं।

वह बूथ पर आए और अभ्यासियों से कहा कि उन्हें अभ्यास सीखने में रुचि है, और पूछा कि नज़दीकी समूह अभ्यास स्थल कहाँ है। उन्होंने कहा, "फ़ालुन दाफ़ा दुनिया भर में लोकप्रिय है और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा इस अभ्यास का दमन करना ग़लत है।" उन्होंने आगे कहा, "चीन में आस्था की कोई स्वतंत्रता नहीं है वहां की तानाशाही सरकार लोगों को नास्तिकता के झूठ से भ्रमित करती है।"

चीन के एक व्यक्ति ने बताया कि उसने विभिन्न देशों में लोगों को फालुन दाफा का अभ्यास करते देखा है, और वह हैरान था क्योंकि चीन में यह अभ्यास प्रतिबंधित है। उसने कहा, "मैं जानता हूँ कि आप अभ्यासी अच्छे लोग हैं और चीन में भी इसके कई समर्थक हैं। यह कल्पना करना मुश्किल है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी इतने शांतिपूर्ण समूह पर दमन करेगी।"

त्रासदियों को रोकें

जोश ने कहा कि वह फ़ालुन दाफा के बारे में और जानना चाहते हैं, और उन्हें लगता है कि हमारे संसार को 'सत्य–करुणा–सहनशीलता' जैसे सिद्धांतों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, 'अगर हम में से हर कोई इन सिद्धांतों का पालन करे, तो समाज एक बेहतर स्थान बन सकता है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज कई देश आपसी विभाजन से जूझ रहे हैं।"

जोश यह सुनकर हैरान रह गए कि चीन में अभ्यासी किस तरह प्रताड़ित किए जाते हैं, जिनमें जबरन अंग निकलना जैसी अमानवीय क्रूरताएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'सिर्फ इसलिए कि वे फ़ालुन दाफा का अभ्यास करते हैं? यह भयानक है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।"

एंजेला ने एक अभ्यासी से फालुन दाफा के बारे में बात की और कहा कि यह अभ्यास बहुत लाभदायक है, "हमें सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांतों के अनुसार जीना चाहिए।"

चीन में दमन के बारे में सुनकर उन्हें दुख हुआ और उन्होंने कहा कि जबरन अंग निकालना बहुत भयानक है। ऐसी खबरें हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा युवा अंग निकालने के शिकार हो रहे हैं, और वह उम्मीद करती हैं कि यह सिलसिला रुकेगा।