(Minghui.org) मैंने 2004 में फालुन दाफा का अभ्यास करना शुरू किया, जब मैं ग्रामीण चीन में पली-बढ़ी एक छोटी लड़की थी। अब मैं 35 साल की हूँ।

जब मैं 14 साल की थी और जूनियर हाई स्कूल में थी तो मेरे मुंह के अंदर कई छोटे बैंगनी और लाल रंग के धब्बे हो गए, जिनसे कभी-कभी खून भी निकलता था। मैं काउंटी अस्पताल गयी और मुझे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (एक प्रकार का रक्त रोग) का पता चला। फिर मैं शहर के अस्पताल गयी जिसने निदान की पुष्टि की। मैंने उपचार के दो कोर्स किए, लेकिन उनसे कोई फायदा नहीं हुआ। प्रांत के सबसे अच्छे अस्पताल में स्थानांतरित होने से भी कोई फायदा नहीं हुआ। हमने चीन की पारंपरिक चिकित्सा का सहारा लिया। मैं और मेरा परिवार चीनी चिकित्सा की दवाओं को प्राप्त करने के लिए 300 किलोमीटर का सफर करके आए। मैंने दवाई एक महीने तक ली , लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। फिर हम फेंगशुई मास्टर्स के पास पहुंचे, लेकिन यह भी विफल रहा।

इस समय, मेरा परिवार भारी कर्ज में डूबा हुआ था, और मेरे पिता को मेरे उपचार के किये कही से भी कोई चिकित्सा सम्बन्धित मदद मिलने की उम्मीद नहीं थी। मेरी माँ हर दिन रोती थी। भारी मासिक धर्म के कारण मैं गंभीर रूप से एनीमिया से पीड़ित थी। मैं पूरे दिन बिस्तर पर पड़ी रहती थी, कमज़ोर महसूस करती थी और बहुत पीली दिखती थी। मेरी प्लेटलेट्स केवल 10,000 थीं (वयस्कों के लिए 100,000 से 300,000 प्लेटलेट्स सामान्य हैं)। मेरा परिवार एक निराशाजनक स्थिति में था।

2004 में एक दिन मेरी मौसी हमसे मिलने आईं और उन्होंने बताया कि फालुन दाफा अद्भुत है और इसके अभ्यास के बाद  कुछ लोगों की बीमारियों ठीक हो गयी है। मेरे पिताजी ने मुझे इसे आजमाने की अनुमति दे दी।

इस प्रथम विचार, की दाफा का ईमानदारी से अभ्यास करना है का तुरंत असर हुआ, और एक चमत्कार हुआ। हर सुबह मुझे होने वाले रक्त के थक्के और पेशाब से खून जाना गायब हो गया । मेरा परिवार बहुत खुश था। ऐसा लग रहा था कि अभ्यास करने के लिए सहमत होने से ही चमत्कार हो गया ।

मैं अपनी मौसी के घर छह दिन तक रही और पांचो दाफा अभ्यास सीखे। मैं घर पर कीमती पुस्तक जुआन फालुन लायी। फा का अध्ययन करना और अभ्यास करना मेरी दिनचर्या बन गई। मैंने दवा लेना बंद कर दिया। फा का अध्ययन करने और अभ्यास करने से मैं और अधिक मजबूत होती गयी, और मेरा पीला चेहरा आखिरकार गुलाबी हो गया।

मैं खुद की देखभाल करने और घर के कामों में अपनी माँ की मदद करने में सक्षम हो गयी । मेरी रक्त संबंधी बीमारी बिना किसी दवा के ठीक हो गई। दो महीने बाद, मैं पूरी तरह से ठीक हो गयी, और मैं स्कूल वापस जाने लगी । मेरे पिता, माँ और बहन सभी ने दाफ़ा का अभ्यास करना शुरू कर दिया और अभ्यास से उन्हें बहुत लाभ हुआ।

शादी के बाद जब मैं अपनी बेटी को जन्म देने वाली थी, तो काउंटी और शहर के अस्पतालों ने प्लेटलेट काउंट कम होने (उस समय केवल 70,000) के कारण मुझे भर्ती करने से मना कर दिया। मैं प्रांतीय अस्पताल गई जहाँ मैंने मास्टरजी की सुरक्षा के साथ अपनी बेटी को सफलतापूर्वक जन्म दिया।

अब, मेरे एक बेटी और एक बेटा है। मेरा परिवार खुश और सामंजस्यपूर्ण है। मेरा काम सुचारू रूप से चल रहा है। यह सब फालुन दाफा के अभ्यास के माध्यम से परिश्रमपूर्वक स्वयं की साधना करने का परिणाम है।